अगर आप आज हाई-स्पीड इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो “फाइबर ऑप्टिक केबल” (Fiber Optic Cable) के बारे में जानना बहुत जरूरी है।
इंटरनेट की दुनिया को जोड़ने वाली सबसे अहम तकनीक यही है। इसकी मदद से आज हम कुछ ही सेकंड में दुनिया के किसी भी कोने से डेटा भेज और प्राप्त कर सकते हैं।
Table of Contents
आज के इस लेख में हम जानेंगे:
ऑप्टिकल फाइबर केबल क्या है? (What is Fiber Optic Cable in Hindi)
यह कैसे काम करती है
इसके प्रकार, फायदे और नुकसान
और इससे जुड़े जरूरी सवालों के जवाब
चलिए शुरू करते हैं।
फाइबर ऑप्टिक केबल क्या है? (What is Fiber Optic Cable in Hindi)
फाइबर ऑप्टिक केबल (Fiber Optic Cable) एक बेहद पतली केबल होती है, जो खास किस्म के ग्लास (या प्लास्टिक) से बनी होती है। इसका मोटाई एक इंसान के बाल से भी कम होता है।
इस केबल के अंदर डेटा को लाइट सिग्नल के रूप में भेजा जाता है, जो लगभग 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से ट्रैवल करता है।
Fiber Optic Cable दरअसल, Total Internal Reflection (TIR) तकनीक पर आधारित होती है, जिससे लाइट बिना बाहर निकले केबल के अंदर घूमती रहती है और डेटा का तेजी से आदान-प्रदान होता है।
👉 इसकी तेज स्पीड और कम नुकसान के कारण इसका इस्तेमाल आज इंटरनेट नेटवर्क, टेलीफोन लाइन्स, और केबल टीवी जैसी सेवाओं में बड़े पैमाने पर हो रहा है।
फाइबर ऑप्टिक केबल कैसे काम करती है? (How Fiber Optic Cable Works in Hindi)
फाइबर ऑप्टिक केबल (Fiber Optic Cable) में डेटा को लाइट पल्स के रूप में ट्रांसमिट किया जाता है।
यहाँ दो मुख्य उपकरण काम करते हैं:
Transmitter: यह डेटा को डिजिटल फॉर्मेट में लाइट सिग्नल में बदलता है।
Receiver: यह लाइट सिग्नल को फिर से डिजिटल डेटा में बदल देता है, जिसे हमारा कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस पढ़ सकता है।
इस प्रक्रिया में लाइट के छोटे-छोटे पल्स के जरिए बड़ी मात्रा में डेटा तेज रफ्तार से भेजा और प्राप्त किया जाता है।
फाइबर ऑप्टिक केबल के प्रकार (Types of Fiber Optic Cable in Hindi)
फाइबर ऑप्टिक केबल (Fiber Optic Cable) मुख्यतः दो प्रकार की होती है:
1. सिंगल मोड फाइबर (Single Mode Fiber – SMF)
इसमें सिर्फ एक ही लाइट वेव को भेजा जाता है।
इसका डायामीटर बहुत छोटा होता है।
इसका इस्तेमाल लंबी दूरी (long distance) पर डेटा ट्रांसमिशन के लिए किया जाता है।
इसमें सिग्नल लॉस और इन्टरफेरेंस बहुत कम होता है।
2. मल्टी मोड फाइबर (Multi Mode Fiber – MMF)
इसमें कई लाइट वेव्स एक साथ भेजी जा सकती हैं।
इसका डायामीटर ज्यादा बड़ा होता है।
यह कम दूरी के संचार (short distance communication) के लिए उपयोगी है, जैसे LAN नेटवर्क्स।
इसमें सिग्नल लॉस सिंगल मोड की तुलना में थोड़ा ज्यादा होता है।
फाइबर ऑप्टिक्स का इतिहास (History of Fiber Optics in Hindi)
फाइबर ऑप्टिक्स (Fiber Optic Cable) तकनीक के जनक भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक नरिंदर सिंह कपूर (Narinder Singh Kapany) माने जाते हैं।
उन्होंने 1952 में ऑप्टिकल फाइबर की अवधारणा पेश की।
बाद में, 1970 के दशक में वैज्ञानिक Dr. Robert Maurer, Donald Keck और Peter Schultz ने मिलकर फाइबर ऑप्टिक्स को और विकसित किया, जिससे आज हम सुपरफास्ट इंटरनेट सेवाओं का लाभ उठा पा रहे हैं।
ऑप्टिकल फाइबर के फायदे (Benefits of Fiber Optics in Hindi)
बहुत तेज डेटा ट्रांसफर स्पीड प्रदान करता है।
कम एनर्जी लॉस और कम सिग्नल डिस्टर्बेंस होता है।
छोटे, हल्के और टिकाऊ होते हैं।
इलेक्ट्रिक इंटरफेरेंस नहीं होता, जिससे यह सुरक्षित होते हैं।
लंबे समय तक चलने वाले और कम मेंटेनेंस वाले होते हैं।
हैकिंग और टैपिंग के खतरे भी काफी कम होते हैं।
ऑप्टिकल फाइबर के नुकसान (Disadvantages of Fiber Optics in Hindi)
महंगा होता है अन्य केबल की तुलना में।
नाजुक होते हैं, इसलिए इन्हें बिछाने और जोड़ने में सावधानी की जरूरत होती है।
स्पेशलिस्ट्स की जरूरत होती है इंस्टॉलेशन के लिए।
यदि केबल में मोड़ (bending) ज्यादा हो जाए तो डेटा लॉस हो सकता है।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
फाइबर ऑप्टिक का इस्तेमाल कहां होता है?
फाइबर ऑप्टिक केबल (Fiber Optic Cable) का इस्तेमाल मुख्यतः टेलीकम्यूनिकेशन, इंटरनेट कनेक्शन, केबल टीवी, मेडिकल इमेजिंग, और डिफेंस सिस्टम्स में होता है।
क्या कोई भी फाइबर ऑप्टिक केबल बिछा सकता है?
नहीं, फाइबर ऑप्टिक केबल को बिछाने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग और महंगे उपकरणों की जरूरत होती है। इसे आमतौर पर विशेषज्ञ कंपनियों द्वारा बिछाया जाता है।
अब आप जान चुके हैं कि फाइबर ऑप्टिक केबल क्या है, कैसे काम करती है, इसके प्रकार, फायदे और नुकसान।
इंटरनेट की दुनिया में क्रांति लाने में फाइबर ऑप्टिक्स ने सबसे अहम भूमिका निभाई है।
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Posted by राम कुमार