Dark Web क्या है और कैसे काम करता है? | डार्क वेब की पूरी जानकारी हिंदी में

Dark Web क्या है और कैसे काम करता है? | डार्क वेब की पूरी जानकारी हिंदी में

 डार्क वेब क्या है? कैसे काम करता है? Surface Web, Deep Web और Dark Web में क्या अंतर है? जानिए Dark Web के फायदे, नुकसान और सावधानी से कैसे इस्तेमाल करें – हिंदी में पूरी जानकारी।

जब भी हम “डार्क वेब” (Dark Web) का नाम सुनते हैं, तो दिमाग में एक रहस्यमयी और डरावनी दुनिया की छवि बनने लगती है। लेकिन क्या वाकई में डार्क वेब उतना डरावना है जितना हमें बताया जाता है?
इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि डार्क वेब क्या है, यह कैसे काम करता है, और आम इंटरनेट यूजर्स से यह कैसे अलग है। साथ ही जानेंगे इसके फायदे, नुकसान और उपयोग करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

चलिए बिना देर किए शुरू करते हैं!

Table of Contents

डार्क वेब क्या है? (What is Dark Web in Hindi)

Dark Web इंटरनेट का वह हिस्सा है जो आम तौर पर सर्च इंजन से छिपा हुआ होता है और जहाँ गोपनीयता सबसे ज्यादा होती है।
यहाँ पर ज्यादातर गतिविधियाँ गुमनाम (Anonymous) रहती हैं। इसी वजह से डार्क वेब का उपयोग वैध और अवैध – दोनों तरह के कामों के लिए होता है।

डार्क वेब पर चलने वाली वेबसाइटें किसी भी सामान्य ब्राउज़र जैसे Google Chrome या Firefox पर नहीं खुलतीं। इन्हें एक्सेस करने के लिए खास ब्राउज़र जैसे TOR Browser की जरूरत होती है।

इंटरनेट के तीन हिस्से: Surface Web, Deep Web और Dark Web

पूरा इंटरनेट मुख्यतः तीन भागों में बाँटा गया है:

  1. Surface Web – इंटरनेट का वह हिस्सा जो सामान्य सर्च इंजनों पर दिखता है (जैसे गूगल, यूट्यूब)।

  2. Deep Web – इंटरनेट का वह हिस्सा जो पासवर्ड या परमिशन के बिना एक्सेस नहीं किया जा सकता।

  3. Dark Web – इंटरनेट का सबसे छुपा और गोपनीय हिस्सा, जिसे एक्सेस करना तकनीकी रूप से कठिन है।

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Surface Web क्या है?

Surface Web इंटरनेट का वह हिस्सा है जिसे हम रोज़ाना इस्तेमाल करते हैं, जैसे:

  • गूगल सर्च

  • यूट्यूब

  • फेसबुक

  • इंस्टाग्राम

Surface Web, पूरे इंटरनेट का सिर्फ 4% हिस्सा है। बाकी का 96% हिस्सा Deep Web और Dark Web में आता है।

Deep Web क्या है?

Deep Web वह हिस्सा है जो सामान्य सर्च इंजनों से छिपा होता है, लेकिन उसका इस्तेमाल अवैध नहीं है।
उदाहरण:

  • बैंक अकाउंट डिटेल्स

  • सरकारी गोपनीय दस्तावेज

  • निजी ईमेल

  • मेडिकल रिकॉर्ड्स

Deep Web एक्सेस करने के लिए आपको विशेष अनुमति या पासवर्ड की जरूरत होती है।

Dark Web को उदाहरण से समझिए

मान लीजिए आपने एक वेबसाइट बनाई है, जिसे आपने किसी सर्च इंजन पर पब्लिश नहीं किया।
अब वह वेबसाइट तभी एक्सेस होगी जब किसी के पास उसका सीधा लिंक होगा।
इसी तरह डार्क वेब पर मौजूद वेबसाइटें सिर्फ विशेष ब्राउज़र और URL से एक्सेस होती हैं।


Deep Web का उपयोग कहाँ होता है?

Deep Web का इस्तेमाल मुख्य रूप से गोपनीय जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है, जैसे:

  • सरकारी रिकॉर्ड

  • प्राइवेट कंपनी डेटा

  • बैंकिंग सिस्टम

  • आर्मी और एयरफोर्स का डाटा

Dark Net क्या है?

Dark Net डार्क वेब का ही हिस्सा है, जहाँ अवैध काम ज्यादा होते हैं।
यहाँ पर मुख्यतः ड्रग्स, हथियारों की तस्करी, हेकिंग सर्विसेज, फर्जी डॉक्युमेंट्स और गैरकानूनी सौदे किए जाते हैं।

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Dark Web का इस्तेमाल अवैध धंधों के लिए क्यों होता है?

डार्क वेब पर सभी यूजर्स अपनी पहचान छुपाते हैं।

  • यहाँ VPN और TOR का इस्तेमाल कर ट्रैकिंग से बचा जाता है।

  • IP Address भी छिपा रहता है।

  • सरकारी एजेंसियाँ भी इन्हें ट्रैक करने में मुश्किल झेलती हैं।

इस गुमनामी का फायदा उठाकर अपराधी यहाँ अवैध कारोबार करते हैं।

डार्क वेब कैसे काम करता है?

डार्क वेब पर वेबसाइटें TOR नेटवर्क पर .onion डोमेन के साथ बनती हैं।
ये वेबसाइटें खुद अपने सर्वर पर होस्ट होती हैं और कई स्तरों पर एन्क्रिप्शन होता है, जिससे इनका पता लगाना मुश्किल होता है।

सामान्य ब्राउज़र से यहाँ नहीं पहुँचा जा सकता। TOR ब्राउज़र और VPN के सहारे ही इसे एक्सेस किया जाता है।


Dark Net Markets क्या होते हैं?

Dark Net Markets ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जहाँ:

  • ड्रग्स

  • हथियार

  • फेक पासपोर्ट्स

  • साइबर क्राइम टूल्स
    बेचे और खरीदे जाते हैं।

यह सब गुप्त रूप से और सरकार की नज़र से छिपाकर किया जाता है।

डार्क वेब का इस्तेमाल कैसे करें? (सावधानी के साथ)

अगर आप जानकारी के उद्देश्य से डार्क वेब एक्सेस करना चाहते हैं तो इन स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. विश्वसनीय VPN इंस्टॉल करें ताकि आपकी पहचान सुरक्षित रहे।

  2. TOR ब्राउज़र डाउनलोड करें (Tor Project Official Site)।

  3. TOR ब्राउज़र को इंस्टॉल और ओपन करें।

  4. कनेक्ट करें और केवल सुरक्षित (.onion) वेबसाइटें विजिट करें।

  5. कभी भी अपनी पर्सनल जानकारी न शेयर करें।

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सावधानी:
डार्क वेब पर गैरकानूनी साइटों से दूर रहें। कोई भी गलत गतिविधि आपको कानूनी मुसीबत में डाल सकती है।

Dark Web के फायदे

  • दुनिया के किसी भी कोने से सुरक्षित ब्राउज़िंग।

  • सरकार द्वारा सेंसर की गई सूचनाओं को साझा करना।

  • गोपनीयता और फ्रीडम ऑफ स्पीच का समर्थन।

डार्क वेब के नुकसान

  • अवैध गतिविधियों का अड्डा।

  • हैकर्स और मालवेयर का खतरा।

  • सुरक्षा और गोपनीयता का खतरा।

  • कानूनी परेशानी का डर।

अब आपको साफ समझ आ गया होगा कि Dark Web क्या है, यह कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे-नुकसान हैं।
डार्क वेब का इस्तेमाल सिर्फ सकारात्मक उद्देश्यों के लिए करें और गैरकानूनी कामों से बचें।

यह जानकारी केवल शैक्षिक और जागरूकता के लिए दी गई है। अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और कमेंट में बताएं कि आपको और किस विषय पर जानकारी चाहिए!

धन्यवाद!

-:नोट:-

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Posted by राम कुमार

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