Guarantee vs Warranty in Hindi

गारंटी और वारंटी में क्या फर्क है? – Guarantee vs Warranty in Hindi

जानिए गारंटी और वारंटी (Guarantee vs Warranty) में क्या फर्क है। आसान भाषा में, कौन-सी बेहतर है और कब किसका फायदा लें।

Table of Contents

परिचय:

जब भी हम कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम, गैजेट या घरेलू सामान खरीदते हैं, तो गारंटी (Guarantee) और वारंटी (Warranty) जैसे शब्द सामने आते हैं। अधिकतर लोग इन दोनों शब्दों को एक जैसा मान लेते हैं, लेकिन इनके बीच बड़ा फर्क होता है। इस गाइड में हम आसान भाषा में समझेंगे कि गारंटी और वारंटी में क्या अंतर है, किस स्थिति में कौन-सा विकल्प बेहतर है, और इनसे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें क्या हैं।

गारंटी और वारंटी (Guarantee vs Warranty) क्या होती हैं?

📌 वारंटी क्या होती है?

वारंटी एक निश्चित समय के लिए दी जाती है जिसमें कंपनी यह सुनिश्चित करती है कि अगर प्रोडक्ट में खराबी आती है तो उसकी मरम्मत (Repair) फ्री में की जाएगी।

  • वारंटी में सामान बदला नहीं जाता, सिर्फ ठीक किया जाता है।

  • वारंटी को बढ़ाया भी जा सकता है (Extended Warranty)।

  • आमतौर पर 1 साल की वारंटी होती है।

वारंटी के लिए जरूरी शर्तें:

  • ग्राहक के पास पक्का बिल या वारंटी कार्ड होना चाहिए।

  • वारंटी पीरियड खत्म होने से पहले ही समस्या बतानी होगी।

📌 गारंटी क्या होती है?

गारंटी एक वादा होता है कि अगर प्रोडक्ट खराब निकला, तो ग्राहक को नया प्रोडक्ट मिलेगा। यह आमतौर पर वारंटी की तुलना में कम समय के लिए होती है।

  • गारंटी में प्रोडक्ट को बदला जाता है।

  • इसे बढ़ाया नहीं जा सकता

  • यह कुछ चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर ही मिलती है।

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गारंटी के लिए जरूरी शर्तें:

  • पक्का बिल या गारंटी कार्ड जरूरी है।

  • गारंटी पीरियड में ही शिकायत करनी चाहिए।

इम्प्लाइड और एक्सप्रेस वारंटी:

  • Express Warranty: कंपनी द्वारा दी गई लिखित वारंटी।

  • Implied Warranty: अगर कोई प्रोडक्ट अपना मूल काम न करे, तो ग्राहक को मदद मिलती है, भले ही लिखित वारंटी न हो।

उदाहरण: फ्रिज ठंडा नहीं कर रहा है, तो कंपनी को इसे मुफ्त में ठीक करना होगा।

गारंटी और वारंटी (Guarantee vs Warranty) में 5 मुख्य अंतर:

  1. रिपेयर vs रिप्लेसमेंट: वारंटी में मरम्मत, गारंटी में बदला जाता है।

  2. समय सीमा: वारंटी बढ़ाई जा सकती है, गारंटी नहीं।

  3. उपलब्धता: वारंटी हर प्रोडक्ट पर, गारंटी चुनिंदा पर।

  4. पीरियड ड्यूरेशन: वारंटी लंबी, गारंटी छोटी।

  5. ग्राहक रुचि: गारंटी वाले प्रोडक्ट अधिक पसंद किए जाते हैं।

गलतियाँ और उनके समाधान:

  • गलती: बिना बिल के क्लेम करना।

    • समाधान: बिल और कार्ड हमेशा संभाल कर रखें।

  • गलती: वारंटी पीरियड खत्म होने के बाद क्लेम करना।

    • समाधान: समय रहते प्रोडक्ट चेक करें।

वारंटी & गारंटी (Guarantee vs Warranty)ट्रैकर ऐप्स:

  • Breez – डिजिटल वारंटी कार्ड ट्रैक करने के लिए।

  • Sortly – इन्वेंटरी और प्रोडक्ट की जानकारी रखने के लिए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

Q1. क्या वारंटी में प्रोडक्ट बदला जाता है?

नहीं, वारंटी में केवल मरम्मत की जाती है, प्रोडक्ट बदला नहीं जाता।

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Q2. गारंटी कितने समय की होती है?

गारंटी आमतौर पर 6 महीने से 1 साल तक की होती है।

Q3. क्या वारंटी बिना बिल के मिलती है?

नहीं, बिल या वारंटी कार्ड जरूरी होता है।

Q4. एक्सटेंडेड वारंटी क्या होती है?

यह एक अतिरिक्त भुगतान पर मिलने वाली अतिरिक्त समय की वारंटी होती है।

Q5. गारंटी और वारंटी दोनों हों तो कौन-सी बेहतर है?

अगर दोनों मिल रही हैं, तो यह बेहतर है क्योंकि खराबी पर मरम्मत भी मिलेगी और रिप्लेसमेंट भी संभव है।

निष्कर्ष:

  • खरीदारी करते वक्त गारंटी और वारंटी की शर्तें ध्यान से पढ़ें।

  • बिल और कार्ड संभाल कर रखें।

  • अगर आपका हक मारा जा रहा है तो उपभोक्ता फोरम का सहारा लें।

-:नोट:-

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Posted by राम कुमार

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